प्रत्येक मुनष्य को अपने समाज की सेवा का कार्य करना आवश्यक एवं पुनीत कार्य हैं । किसी विद्वान ने भी ठीक कहा है कि “जो व्यक्ति अपने समाज को सेवा नहीं कर सकता, उससे देशहित को अपेक्षा करना व्यर्थ है ।